यह RSS की जीत और प्रणब मुखर्जी की हार है!

राजनीति में शब्दों से अधिक कर्म का महत्व होता है. लेकिन शब्द और कर्म कितने भी पवित्र हों, नीयत कितनी

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तूतीकोरिन को देखते हुए भद्दे मज़ाक जैसा लगता है “हम फिट तो इंडिया फिट” कैंपेन!

इस देश में दो घटनाएं एक साथ हो रही हैं. उन दोनों घटनाओं में गहरा विरोधाभास है. पहली घटना तमिलनाडु के तूतुकुडी की है.

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जस्टिस कुरियन, अब यह अदालत का अंदरूनी मसला नहीं है!

देश के मुख्य न्यायाधीश को जनता की अदालत में खड़ा करने वाले चार न्यायाधीशों में से एक जस्टिस रंजन गोगोई

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