मनमोहन के दफ़्तर के निर्देश पर एनडीटीवी ने हटा लिया था लेख?

वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। किसी चैनल का नाम लिए बगैर उन्होंने दावा किया है कि 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद जब अपने एक लेख में उन्होंने तत्कालीन मनमोहन सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, तो चैनल ने पीएमओ के निर्देश पर उस लेख को अपनी वेबसाइट से हटा लिया था।

यहां हम उनका फेसबुक पोस्ट हू-ब-हू छाप रहे हैं। आप भी देखें-

“एक खुलासा कर रहा हूं। 2008 के मुंबई अटैक के तत्काल बाद स्वाधीनता सेनानी चैनल की हिन्दी वेबसाइट पर मेरा एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें आतंकवाद और आतंकवादी घटनाओं को हैंडल करने को लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार पर गंभीर सवाल उठाये गए थे। वह लेख तेज़ी से वायरल हो रहा था। देखते ही देखते हज़ारों लोग उसे पढ़ चुके थे और शताधिक टिप्पणियां आ चुकी थीं, जिनमें अधिकांश लोग मेरी बातों का समर्थन कर रहे थे।

लेकिन, कुछ ही देर बाद पीएमओ से आदेश प्राप्त होने पर उसे वेबसाइट से उतार लिया गया था। स्वाधीनता सेनानी चैनल के तत्कालीन संपादक ने वेबसाइट के संपादक को निर्देश देकर उस लेख को हटवाया। इसपर जब मैंने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- “भाई, आपका लेख बहुत अच्छा है, लेकिन आप तो सब समझते ही हैं।”

यानी उस वक्त स्वाधीनता सेनानी चैनल ने न सिर्फ़ मेरी अभिव्यक्ति और विचारों की आज़ादी को कुचला, बल्कि मनमोहन सरकार के हाथों अपनी आज़ादी को भी प्रसन्नतापूर्वक कुचलवाया। यह सिर्फ़ एक उदाहरण है। रोज़मर्रा की ख़बरों के प्रसारण में ऐसे प्रसंग आए दिन आते रहते थे। हर बार तो पीएमओ से फोन नहीं आते होंगे, लेकिन स्वाधीनता सेनानी चैनल अपने स्तर से भी सरकार की भावनाओं का ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ता था।

खुलासा ख़त्म हुआ। आइए, अब हम सब मिलकर यह गाना गाएं-
अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं।
सिर कटा सकते हैं लेकिन सिर झुका सकते नहीं।”

हालांकि अपने इस पोस्ट में अभिरंजन कुमार ने किसी चैनल का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन समझा जा रहा है कि वह चैनल एनडीटीवी था, जो आजकल मोदी सरकार से आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा है। ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले आईसीआईसीआई बैंक को 48 करोड़ का चूना लगाने के आरोप के सिलसिले में एनडीटीवी प्रमोटर डॉ. प्रणय राय के ठिकानों पर सीबीआई के छापे पड़े थे, जिसके बाद चैनल ने यह स्टैंड लिया कि यह मीडिया की आज़ादी पर हमला है।

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