कसाब नहीं पकड़ा गया होता, तो मुंबई अटैक मामले में भी RSS को फंसा देती कांग्रेस!
लोकतंत्र के तो केवल चार स्तम्भ हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के चालीस स्तम्भ हैं। उसके कौन से स्तम्भ कब कौन-सा बवाल खड़ा कर दें, कोई नहीं जानता। इस देश में आजकल जो बहुत सारी अप्रिय घटनाओं का शोर सुनाई देता है, कोई आश्चर्य नहीं कि उनमें से अनेक में कांग्रेस और उसके चालीस स्तम्भों का हाथ हो। -अभिरंजन कुमार
वरिष्ठ लेखक और पत्रकार अभिरंजन कुमार ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस पर दो गंभीर आरोप लगाए हैं-
(1) कांग्रेस ने 26 नवंबर 2008 के मुंबई अटैक मामले में आरएसएस को फंसाने की साज़िश रची थी, लेकिन अजमल कसाब के जीवित पकड़े जाने से उसका प्लान फेल हो गया।
(2) देश में आजकल जो बहुत सारी अप्रिय घटनाओं का शोर सुनाई देता है, कोई आश्चर्य नहीं कि उनमें से अनेक में कांग्रेस और उसके सहयोगियों का हाथ हो।
अभिरंजन कुमार ने ये आरोप मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला आने के बाद लगाए हैं, जिसमें कोर्ट ने मामले के स्वामी असीमानंद समेत सभी पांचों आरोपियों को बरी कर दिया है।
हम यहां उनका पूरा फेसबुक पोस्ट ज्यों का त्यों छाप रहे हैं। देखें-
“अगर अजमल कसाब को जीवित नहीं पकड़ा जाता, तो 26 नवंबर 2008 के मुंबई अटैक को भी कांग्रेस पार्टी आरएसएस का षडयंत्र साबित करने का प्लान बना चुकी थी। दिग्विजय सिंह और एआर अंतुले समेत उसके कई नेताओं के तब के बयान इस बात की गवाही देते हैं। दिग्विजय सिंह ने तो एक उर्दू अखबार के संपादक रहे अजीज बर्नी की किताब का विमोचन भी किया था, जिसका शीर्षक था- “26/11- आरएसएस की साज़िश”
बाटला हाउस एनकाउंटर को भी कांग्रेस पार्टी ने फ़ेक एनकाउंटर बता दिया था, इसके बावजूद कि उस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के तेज़-तर्रार अफसर मोहनलाल शर्मा शहीद हो गए थे। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने उस एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों के दुख में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के रो पड़ने का भी दावा किया था।
आज एनआईए कोर्ट से मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों के बरी होने से भी यह बात साबित हो गई है कि कांग्रेस पार्टी इस देश में किस स्तर की घृणित राजनीति करती रही है। इससे यह भी स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए कैसे-कैसे हथकंडे अपना सकती है। यानी इमरजेंसी से लेकर अब तक कांग्रेस का चरित्र रत्ती भर नहीं सुधरा है।
इसीलिए, मैं हमेशा कहता हूं कि लोकतंत्र के तो केवल चार स्तम्भ हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के चालीस स्तम्भ हैं। उसके कौन से स्तम्भ कब कौन-सा बवाल खड़ा कर दें, कोई नहीं जानता। इस देश में आजकल जो बहुत सारी अप्रिय घटनाओं का शोर सुनाई देता है, कोई आश्चर्य नहीं कि उनमें से अनेक में कांग्रेस और उसके चालीस स्तम्भों का हाथ हो। दुर्भाग्यपूर्ण।”
अभिरंजन कुमार के इस पोस्ट पर एक पाठक मनीष प्रभात चौरसिया ने सबूत के तौर पर दिग्विजय सिंह की वह तस्वीर भी उपलब्ध करा दी, जिसमें वे 26/11 के मुंबई हमलों का दोष आरएसएस पर मढ़ रहे थे। इस तस्वीर को आप नीचे देख सकते हैं-
अभिरंजन कुमार ने अपने इस फेसबुक पोस्ट पर अनेक पाठकों के सवालों के जवाब भी दिए हैं, जिन्हें आप यहां देख सकते हैं-
इन्हें भी पढ़ें-
- सांप्रदायिक राजनीति करने में कांग्रेस के सामने बच्ची है बीजेपी!
- राजीव गांधी थे भारत के सबसे सांप्रदायिक प्रधानमंत्री
- मुसलमानों की सबसे बड़ी दुश्मन बीजेपी नहीं, कांग्रेस है!
- व्यंग्य: इन दस वजहों से नानीघर गए होंगे राहुल गांधी
- कविता: राहुल बाबा फिर विदेश चले गए हैं!
- मेरी हिन्दू दुकान, तेरी मुस्लिम दुकान… भाड़ में जाए मानवता और ईमान!
- क्या मेरे देश की सरकार देश के नौजवानों को जाति छोड़ने के लिए यह विकल्प दे सकेगी?
- माननीय सुप्रीम कोर्ट, क्या जजों को धार्मिक पहचान देना ज़रूरी है?
- एनडीटीवी में हमेशा मौजूद थे सांप्रदायिक तत्व और एकतरफ़ा थी अभिव्यक्ति की आज़ादी!
- 10 साल उपराष्ट्रपति रहकर भी धार्मिक खोल से बाहर नहीं निकल पाए हामिद अंसारी!
- कठुआ गैंगरेप के बहाने देश में यह कौन-सी आग लगाई जा रही है?
अभिरंजन कुमार जी,
लोकतंत्र के चार नहीं तीन ही स्तम्भ हैं –कार्यपालिका, न्यायपालिका,विधायिका -मिडिया चौथा स्तम्भ नहीं है बेहोशी में हम सब उसे मानते हैं l उसे संबैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग ०८-०६-२०१४ को सी एस जे एम् वि वि कानपुर में *बाल बच्चा पाल * पुरुस्कार वितरण के सादे समारोह में की गयी है – लोकतंत्र (जनतंत्र ) का स्थान दलतन्त्र ने ले लिया है इसे जड़ से समाप्त करने के लिए पहला कदम EVM पर चुनाव चिन्ह हटाने के चुनाव आयोग के लिए निर्णय को लागू करवाया जाय और दुसरे कदम के रूप में पेट्रोल पम्प पर swipe कराने के वाद दो रसीदें निकलती हैं की तर्ज पर EVM से भी वोट डालने के वाद दो पर्चियां निकलें एक वोटर को दे दी जाय और दूसरी मतदान पेटिका में सुरक्षित रखी जाय ताकि EVM मशीन की गडबडी की संभावना पर Cross Check किया जा सके ————-