सोचो इंडिया सोचो: है अंधेरी रात, पर दीपक जलाना कब मना है?

मनुष्य ने समाज का निर्माण एक ऐसी संस्था के रूप में किया था, जहां वह ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर

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ऐसे कृतघ्न समाज के लिए क्या कहूं?

यूं तो ऐसा मेरे लेखों और अन्य रचनाओं के साथ अक्सर होता रहता है, लेकिन आज लगा कि अपना दर्द

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खुला पत्र : 12वीं की परीक्षा में बच्चे नहीं, आप फेल हुए हैं नीतीश कुमार जी!

आदरणीय नीतीश कुमार जी,   आप बिहार के मुख्यमंत्री हैं, तो हमारे भी मुख्यमंत्री हैं, इस नाते आपका सम्मान करता

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तीन हाई कोर्ट, तीन बातें… अब सुप्रीम कोर्ट ही दूर करे भ्रम!

पशु बाज़ारों में हत्या के लिए मवेशियों की ख़रीद-फ़रोख्त पर रोक लगाए जाने से जुड़े पर्यावरण मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर घमासान

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पहचान लीजिए नंगई के सात सौदागरों को!

बाज़ारों में आते-जाते कई बार ऐसा लगता है कि वो दिन दूर नहीं, जब देश की आधुनिक लड़कियां कपड़ों पर

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माननीय सुप्रीम कोर्ट, क्या जजों को धार्मिक पहचान देना ज़रूरी है?

तीन तलाक पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है और उन्होंने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है।

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इस देश के हर आदमी में एक केजरीवाल छिपा बैठा है!

आजकल समाचार बनाना बेहद आसान है। एक इस पक्ष का बयान लगा दीजिए। एक उस पक्ष का बयान लगा दीजिए।

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जेनरिक दवाओं पर कानून लाने का मोदी का फ़ैसला क्रांतिकारी, पर कई एहतियाती उपाय ज़रूरी

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेनरिक दवा के संबंध में बयान क्या दिया, चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोगों में

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गांधी के कुएं में पाइप से भरा जा रहा पानी, सौ साल में हो गई इतनी तरक्की!

बहस लाइव डेस्क

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