व्यंग्य: जनता के हिस्से केवल ख्वाब और चूहों को पिलाई जा रही है शराब!
बिहार के लोग आज अपनी किस्मत को कोस रहे होंगे कि वे चूहा-कुल में पैदा क्यों नहीं हुए? जैसे, घोड़ों को नहीं मिलती घास, और गधे खाते हैं च्यवनप्राश। ठीक इसी प्रकार, बिहार में आदमी के हिस्से हैं केवल ख्वाब और चूहों को पिलाई जा रही है उत्तम क्वालिटी की शराब।
पता चला है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ख़बर सुनी है, वे भी कुंठित हुए जा रहे हैं- “ई नीतीश बाबू त हम पर भी भारी पड़ गए भाई। इहां लोग हमसे पूछते हैं कि अच्छे दिन कब आएंगे, अच्छे दिन कब आएंगे। और उहां नीतीश बाबू ने चूहों तक के अच्छे दिन ला दिए!“
पहले चूहों को अनाज के दानों तक के लिए तरसना पड़ता था, लेकिन नीतीश जी के राज में उन्हें बाकायदा पुलिस की खातिरदारी में उत्तम क्वालिटी की देशी-विदेशी शराब पिलाई जा रही है। भगवान गणेश भी अपनी सवारी की ऐसी ख़ातिरदारी देखकर देवलोक में गदगद हो उठे हैं।
सुना है कि उन्होंने नीतीश जी से कहा कि “वत्स, मेरी सवारी की तूने इतनी ख़ातिरदारी की है। बोल, तुझे क्या चाहिए?” इसपर नीतीश जी ने झट से कहा कि “प्रभु, तीन टर्म सीएम रह लिया। अब तो सोते-जागते बस एक ही सपना आता है- पीएम बनने का। अभी तो सिर्फ़ बिहार में चूहों के अच्छे दिन लाया हूं, अगर मुझे पीएम बना दें, तो पूरे देश में उनके अच्छे दिन ला दूंगा।“
इसपर गणेश जी मुस्कुराए हैं। जबसे भगवान शिव के साथ भस्मासुर प्रसंग हुआ है, तब से सारे देवी-देवता वरदान देने में सावधान हो गए हैं। गणेश जी वैसे भी दूसरे देवी-देवताओं की तुलना में अधिक बुद्धिमान हैं, इसलिए अभी उन्होंने कोई वरदान तो नहीं दिया है, लेकिन चूहों के भोग लगे कुछ लड्डू नीतीश जी को ज़रूर दिए हैं।
इसके बाद से ही नीतीश जी के मन में पीएम बनने के चूहों वाले लड्डू फूटने शुरू हो गए हैं। अपनी चाणक्य बुद्धि में अभी से वे गणित लगाने में जुट गए हैं कि बीजेपी के पास राम हैं, अगर मेरे पास स्वयं भगवान गणेश आ गए, तब तो रामजी को भी नतमस्तक होना ही पड़ेगा, क्योंकि पूजा तो सबसे पहले गणेश जी की ही होती है।
इतना ही नहीं, नीतीश जी को लगता है कि चूहों को दारू पिलाने से बीजेपी के साथ-साथ अपने सहयोगी लालू यादव की काट भी उन्होंने ढूंढ़ ली है। उनके विज्ञापन सलाहकार पीके ने तो उनके लिए एक विज्ञापन भी तैयार कर दिया है, जिसमें वे कहेंगे- “मोदी के पास गाय है, लालू के पास भैंस है, तो मेरे पास भी चूहा है। ऑय।“
बहरहाल, चूहों को दारू पिलाकर नीतीश जी ने एक साथ कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। मसलन,
- चूहों की मस्ती के बारे में सोचने वाली सरकार उनसे पहले दुनिया में किसी ने नहीं बनाई। लिहाजा अब वे गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए दावा ठोंकने वाले हैं।
- पूरी दुनिया में अपनी तरह का यह पहला कारनामा है, जिसमें आदमियों की शराब की लत छुड़ाने के लिए चूहों को शराबी बना दिया गया है।
- बिहार में शराब की साढ़े पांच हज़ार दुकानें खुलवाकर सुशासन की बिल्ली ने जो हज शुरू किया था, उसे चूहों को नौ लाख लिटर शराब पिलाकर सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया है।
- अब तक बिहार के गरीब मुसहर पेट भरने की मजबूरी में चूहे खाते थे।अब सभी जातियों के अमीर भी नशा करने के लिए चूहे खाएंगे। चूहों के ज़रिए नीतीश जी बिहार में ऐसी जातीय-सामाजिक बराबरी लाने वाले हैं, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।
सचमुच, कोई चाणक्य-बुद्धि नेता ही इक्कीसवीं सदी में ऐसे हैरतअंगेज़ कारनामे कर सकता है! जय बिहार। जय नीतीश कुमार।
So much noise is being made about rats having apparently consumed seized loquor kept in malkhana.Are the rats governed by human laws?Are we in such a state of madness that having legislated the dietary preferences for human beings we want to bound down rats and rodents ?That they shall not drink, that they shall not consume beef? But wait I have saved the best for the last .A headline announcing the rats’ Bacchanlian party goes on to say in bold headline that the police men posted in the thana will be put to a breathlyser test. In Mahabharat Bhim had a boon that he could ingest the most hurtful materials because it was Shakuni who had to evacuate it .Are the rats similarly blessed to discomfit the policemen?