तीन हाई कोर्ट, तीन बातें… अब सुप्रीम कोर्ट ही दूर करे भ्रम!

मनोज मलयानिल एबीपी न्यूज़ में वरिष्ठ पत्रकार हैं।

पशु बाज़ारों में हत्या के लिए मवेशियों की ख़रीद-फ़रोख्त पर रोक लगाए जाने से जुड़े पर्यावरण मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर घमासान मचा हुआ है। केरल और तमिलनाडु में विशेष प्रतिक्रिया हो रही है, लेकिन देश के दूसरे राज्य भी अछूते नहीं हैं। ऐसे में देश के तीन हाई कोर्ट्स ने तीन तरह की बातें करके देशवासियों का भ्रम और बढ़ा दिया है। देखिए इस गंभीर मुद्दे पर तीन हाई कोर्ट्स की क्या राय है।

राजस्थान हाई कोर्ट-
राजस्थान हाई कोर्ट ने गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने की सिफ़ारिश की है और राज्य सरकार से इसके कदम उठाने को कहा है। राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि नेपाल की तर्ज पर भारत में भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।

केरल हाई कोर्ट-
केरल हाई कोर्ट ने केंद्र के फैसले पर हस्‍तक्षेप से किया इनकार, कहा- मवेशियों की हत्‍या पर प्रतिबंध नहीं। केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जारी पशु बिक्री के नए नियमों से संबंधित नोटिफिकेशन का समर्थन किया है। कोर्ट ने कहा है कि नए नियमों के मुताबिक मवेशियों की हत्या या उनका मीट खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, बल्कि इसके जरिए सिर्फ बड़े बाजारों में बड़े स्तर पर मवेशियों की बिक्री को रोका गया है।

मद्रास हाई कोर्ट-
मवेशियों की ख़रीद-फ़रोख्त के संबंध में केंद्र सरकार के नए नोटिफिकेशन पर मद्रास हाई कोर्ट ने चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी है. केंद्र सरकार ने इस नोटिफिकेशन के जरिये पशु बाजारों में बेचे गए मवेशियों के वध किए जाने पर रोक लगाने की घोषणा की थी।
कोर्ट में मुख्य रूप से दो मुद्दों को उठाया गया है। पहला- केंद्र सरकार का ताजा नोटिफिकेशन लोगों की खाने-पीने की आजादी पर हमला है और दूसरा- जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाना व्यापार और पेशे में दखल है।

तीन हाई कोर्ट तीन तरह की बातें। हाई कोर्ट के माननीय जजों ने तो हम सब को भ्रम में डाल दिया है। ऐसा लगता है अब सुप्रीम कोर्ट को ही रास्ता दिखाना होगा।

Print Friendly

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shares
satta king