मीटू पर डबल स्टैंडर्ड रखकर कैसे तय होगी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा?

मीटू पर डबल स्टैंडर्ड रखकर कैसे तय होगी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा?

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देश में ग़ज़ब माहौल है। एक पक्ष विनोद दुआ पर मज़े ले रहा है और एमजे अकबर का बचाव कर रहा है। दूसरा पक्ष एमजे अकबर पर प्रहार कर रहा है और विनोद दुआ पर ख़ामोश है। ज़ाहिर है कि आज अगर…

एमजे अकबर को बचाकर नवरात्रि और दशहरे पर क्या मैसेज देना चाहती है सरकार?

एमजे अकबर को बचाकर नवरात्रि और दशहरे पर क्या मैसेज देना चाहती है सरकार?

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एमजे अकबर भारत के उन पत्रकारों में रहे, सत्ता के गलियारों में जिनकी तगड़ी घुसपैठ 30-35 साल की उम्र में ही ही हो गई थी। राजीव गांधी के करीबी पत्रकार माने जाते थे, इसलिए राजनीति में शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की। राजीव…

यह #MeToo एक पुरुष पत्रकार का है, पढ़ेंगे तो आंखें खुल जाएंगी!

यह #MeToo एक पुरुष पत्रकार का है, पढ़ेंगे तो आंखें खुल जाएंगी!

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यह सही है कि ऊपर चढ़ने के लिए कई महिलाएं भी शरीर को सीढ़ी की तरह इस्तेमाल कर लेना चाहती हैं। यह भी सही है कि मुख्यतः इन्हीं महिलाओं की वजह से उन पुरुषों का हौसला बढ़ता है, जो शोषण कर सकने…

जातिवाद, क्षेत्रवाद, हिंसा और बंटवारे का दूसरा नाम बन गई है कांग्रेस

जातिवाद, क्षेत्रवाद, हिंसा और बंटवारे का दूसरा नाम बन गई है कांग्रेस

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देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में जो व्यक्ति कांग्रेस की आलोचना करता है, उसे भक्त, संघी, भाजपाई, पक्षपाती इत्यादि कहकर हिकारत की दृष्टि से देखा जाता है और अछूत बनाने की कोशिश की जाती है, लेकिन ज़रा हाल-फिलहाल के कुछ तथ्यों पर…

पत्रकारों के बीच बढ़ती कटुता से इंडस्ट्री को और नुकसान पहुंचेगा

पत्रकारों के बीच बढ़ती कटुता से इंडस्ट्री को और नुकसान पहुंचेगा

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अनेक साथी मुझसे असहमत होते हैं, लेकिन मैंने अपना एक उसूल बनाया है। जब तक मैं पत्रकारिता के पेशे में सक्रिय हूं, तब तक हमपेशा लोगों के नाम लेकर उनकी आलोचना करने से यथासंभव परहेज करूंगा। इसलिए नहीं कि किसी के अनुचित…

व्यभिचार को अपराध नहीं मानने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से केवल 19% लोग सहमत

व्यभिचार को अपराध नहीं मानने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से केवल 19% लोग सहमत

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आईपीसी की धारा 497 को ख़त्म किए जाने और व्यभिचार को अपराध के दायरे से मुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश भर में निराशा का वातावरण है। ऐसा लगता है कि देश की अधिसंख्य आबादी सुप्रीम कोर्ट के इस…

जस्टिस दीपक मिश्रा ने किया निराश, जस्टिस रंजन गोगोई जगाएं नई आशा!

जस्टिस दीपक मिश्रा ने किया निराश, जस्टिस रंजन गोगोई जगाएं नई आशा!

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जस्टिस दीपक मिश्रा संभवतः भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद चीफ जस्टिस रहे। सुप्रीम कोर्ट के अंदर क्या खेल चल रहा था, यह तो नए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सहित उनके ख़िलाफ़ प्रेस कांफ्रेंस करने वाले चार जज बेहतर जानते होंगे, लेकिन…

महिलाओं की सारी समस्याएं सुलझ चुकीं, केवल सेक्स और पूजा का अधिकार ही बाकी था!

महिलाओं की सारी समस्याएं सुलझ चुकीं, केवल सेक्स और पूजा का अधिकार ही बाकी था!

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मुझे माफ़ करना दोस्तो। पिछले कुछ दिनों में कुछ ज़्यादा ही अपच सच बोल चुका हूं, इसलिए एक और बोल दूं तो अधिक फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। इस देश में जेंडर इक्वैलिटी की लड़ाई दिशा भटक चुकी है। वामपंथी फेमिनिस्टों के लिए जेंडर…

कोर्ट अगर संविधान की ?मनमानी व्याख्या? करे, तो संसद निभाए उस व्याख्या की समीक्षा का दायित्व!

कोर्ट अगर संविधान की ‘मनमानी व्याख्या’ करे, तो संसद निभाए उस व्याख्या की समीक्षा का दायित्व!

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आईपीसी की धारा 497 को निरस्त कर व्यभिचार को अपराध के दायरे से बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैंने खुलकर अपनी असहमति जताई थी। इसी संदर्भ में यह सवाल भी उठाया कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाने का…

धारा 497: एक त्रुटिपूर्ण कानून पर सुप्रीम कोर्ट का त्रुटिपूर्ण फ़ैसला!

धारा 497: एक त्रुटिपूर्ण कानून पर सुप्रीम कोर्ट का त्रुटिपूर्ण फ़ैसला!

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शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, पर तुम उसमें फंसना नहीं। बचपन में पढ़ी गई शिकारी और कबूतरों की कहानी का यह सार अपने दिमाग में फिर से उतार लीजिए और अपने जीवनसाथी को भी न फंसने के लिए आगाह कीजिए। व्यभिचार…